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मंगलवार, मार्च 26, 2024

कहीं देर न हो जाए - लद्दाख

 "कहीं देर न हो जाए" - लद्दाख 


जुले ! नमस्कार ! 6th March 2024 को श्री सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे। आज 26 मार्च 2024 है।  उनके मुद्दे दो तरह के है - संवैधानिक और इकोसिस्टम से सम्बंधित।  मै लदाख जा चुकी हूँ घूमने के लिए।  बहुत ही खूबसूरत जगह है।  इसीलिए उनके द्वारा उठाये मुद्दे जैसे  जन जातीय सुरक्षा, खनन, वातावरण की सुरक्षा, लोकल रोज़गार आदि हेतु मैं सहमत भी हूँ।  इन पर बात होनी चाहिए। आपकी क्या राय है, नीचे दिए गए वीडियो को देख कर , कमेंट बॉक्स में बताये। 

ये वीडियो आप देख सकते हैं। 



गुरुवार, मार्च 21, 2024

कविता दिवस / World Poetry Day . . . . 21 मार्च 2024

World Poetry Day . . . . 21 मार्च 2024  


ज़िन्दगी तेरे तहखानों से 

चुपके से, ये जो यादें निकलती है,

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कभी आँगन में मेरे ख़ुशी बन 

तो कभी उदासी बन पसरती हैं। 

जीवन के खाली पैमानों में,

रिश्तों की मिठास, और कभी 

बेवफाई की खटास से भरती हैं।   

कितने ही रंगो में रंगा इनको,

लफ़्ज़ों के लिबासो में समेटा इनको।

पन्नो पे परोसा है।  

और भरोसा है। 

मेरे अफसानों को भी 

इक दिन, पढ़ेगा कोई।

मेरी कविताओं से तारुफ़ 

करेगा कोई। 

                   . . . . नवनीत गोस्वामी 

                            21 मार्च 2024.   


शुक्रवार, मार्च 08, 2024

महाशिवरात्रि और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सब को शुभकामनाएँ। महिला, नारी अर्थात "शक्ति"। संयोग की बात है आज हम सब महाशिवरात्रि भी मना रहे है।  शिव और शक्ति दोनों साथ: क्या बात है।  

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शिव के बिना, शक्ति नहीं। 

और शक्ति के बिन, सृष्टि नहीं। 

महाशिवरात्रि और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ। 

                                                                                   

                                                                                                                            . . . नवनीत गोस्वामी 

                                                                                                                                 8 मार्च 2024 


गुरुवार, फ़रवरी 22, 2024

रेडियो के दिन : अमीन सायानी के संग

Radio ke din : #AmeenSayani ke sang RIP

मेरे लिए all India Radio मतलब अमीन सयानी जी।  गीतमाला कार्यक्रम तो जाना ही उनके नाम जाता था। 

रेडियो और वो सब, जिन्होंने आपको सुना है आपके जाने की खबर सुन कर, आज फिर से आपको सुना होगा।

सबके ज़हन में आपकी आवाज़ और वो माहौल फिर से ताज़ा हुआ होगा।  

https://youtube.com/clip/UgkxtUfvEDHus9Se7AsihJwJuu4LSijlc6V9?si=Mw5hzDOhCkei0OVe


जो कभी रौनक थे रेडियो की
आज खामोशी से रुखसत हो गए।
सब तो रूबरू नहीं हुए होंगे आपसे,
मगर फिर भी आंखे सब की नम कर गए।


. . . RIP अमीन सयानी साहब . . .

21/02/2024





शनिवार, जनवरी 06, 2024

सच्चा प्यार


मात - पिता की डाँट डपट

या गारी बकते दोस्त और यार 

जो कोई ये प्यार पहचान लिए 

खत्म उसी क्षण, छल के व्यापार !  

मन विभोर, जब पाए ऐसा सच्चा प्यार !!

          नवनीत गोस्वामी / 6  जनवरी 2024 

शुक्रवार, जनवरी 05, 2024

जीने की राह

 

जीवन जीने के दो रास्ते

खुदगर्जी में या दूजे के वास्ते ।


सुकून मिलेगा दोनो में हीं

मगर खुलेंगे फिर, दो और रास्ते


उस डर से मानुष भ्रमित है रहता

किधर चलूं ? ताउम्र ये कहता 


मतलब भी तो समझ ना पाता

चक्रव्यूह में फंस के रह जाता


आत्म सुख की चुनो वो राह

जिसमें न अटकी हो, किसी की आह


फिर किसी चक्र में, ना फसोगे भाई 

बेदाग रहेगी चूनर, जो मालिक से पायी 


                 Navneet Goswamy 

                  5 जनवरी 2024,

रविवार, सितंबर 17, 2023

क्या बनना चाहते हो ?

 

अगर कोई पूछे तुमसे 

कि क्या बनना  चाहते हो ?

मेरा सुझाव है 

किताब बन जाओ। 

बिना आवाज़ किये 

अपनी बात कह जाओ। 


                               . . . नवनीत गोस्वामी /16 सितम्बर 2023 

गुरुवार, सितंबर 14, 2023

हिन्दी दिवस


हिन्दी दिवस की आप सब  शुभकामनाएं !

भारत वर्ष की राष्ट्र भाषा हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही अच्छे से समावेशित है। कोई व्यक्ति शिक्षित हो या अशिक्षित, हिंदी में बात करता है, समझता है।  और यही कारण है कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है। और हम भारत के लोग ऐसा मानते भी है। इस भाषा की विशेषता है कि वाक्यों को लिखने , पढ़ने या बोलने के समय ही यह पता चल जाता कि जिस पात्र के बारे में लिखा जा रहा है, वह कौन है ? मतलब उस से रिश्ता क्या है।  हिंदी भाषा का व्याकरण बखूबी बता देता है। जैसे कि मेरी लिखी ये पंक्तियाँ पढ़िए - 

हिंदी में तो सर्वनाम सुन 

किसी को भी ये ज्ञात हो जाए। 

इतनी लम्बी लम्बी कहानी 

राजा भैया किन संग बतियाए। 

"तू" का किस्सा यारों संग है 

"तुम" याने कोई प्रेम प्रसंग है। 

"आप" लिखें किसी साहेब को 

या जब देखे सामने कोई दबंग हैं। 

हिंदी बहुत ही सरल भाषा है, उसके बारे में मैंने ये लिखा है -

जैसा लिखते हैं, वैसा उच्चारण,

अति सरल इसका, है स्वरुप। 

एक वर्ण की एक ध्वनि है,

और कोई वर्ण ना रहता मूक।। 

 अलंकार है वो गहने 

जिसने हिंदी को खूब सजाया। 

और अलंकृत हिंदी बोली जिसने 

हिंद  में उसने मान भी पाया ।। 

अंत में जाने माने शायर मोहम्मद इक़बाल जी की कविता की आखिरी पंक्तियाँ याद आ रही हैं -

हिंदी है हम ! हिंदी है हम !वतन है। 

हिंदोस्तां हमारा हमारा !

सारे जहाँ से अच्छा !  हिंदोस्तां हमारा।  


            नवनीत गोस्वामी / 14 सितम्बर 2023 

Youtube link : https://youtu.be/PllsA9HSdIo

Facebook : नवनीत गोस्वामी 

 #हिन्दी # # #राष्ट्र भाषा # #

शनिवार, सितंबर 09, 2023

आशावाद

जब चहुंओर लगे, पुरजोर अँधेरा। 

और निराशाओं ने तुझको घेरा।  

तब जो दिया तुम खुद जलाओगे,

वही मिटाएगा, जीवन से अँधेरा। 

और रोशन करेगा, जहाँ तेरा। 

             : नवनीत गोस्वामी 24 मार्च 2022  


गुरुवार, सितंबर 07, 2023

कृष्णा


कृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। 

नन्द के आनंद भयो - जय कन्हैया लाल की !

इस अवसर पर श्री कृष्ण के चरणों में समर्पित मेरा लिखा और गाया, ये गीत। youtube पर भी उपलब्ध है।  दिए गए लिंक पर क्लिक करें और आनंद लीजिये तथा बताइये कि आपको कैसा लगा। 

https://youtube.com/shorts/7kuhBeklv8Q    

https://youtube.com/shorts/32fxLqE5D5Q    




                                                                                                          द्वारा : नवनीत गोस्वामी 

शनिवार, सितंबर 02, 2023

कोई दीवाना कहता है . . . .

 कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
कुमार विश्वाश जी की यह कविता, जो काफी ख्यातिप्राप्त है, यूँ तो महोब्बत में डूबे दो दिलों के हालत बताती है, मगर इस से यह भी सीखा जा सकता है कि इस दुनिया में सब हमारे ही हों, या वो लोग जिनसे हम दिन रात घिरे हैं, वो सब हमें पसंद करें, ऐसा जरूरी नहीं. उनमे से कोई हमें दीवाना कहता है , और कोई हमें पागल, बेवकूफ समझता है और कहते भी है।  कोई सामने कहता है , कोई पीछे से कहता है, मगर कहता तो जरूर है। 
इसलिए मन को समझाएं और रोज़ समझाएं कि भैया हम कोई निराले नहीं है इस जग में जिसके बारे में उल्टा सीधा कहा या समझा जाये। हम आम लोगो जैसे ही है। हम निराले हो सकते है स्वयं को विशेष बना सकते हैं, लोगों द्वारा किये गए व्यवहार पर प्रतिक्रिया न दे कर।  बस उसी तरीके से हम खास बन सकते हैं। 

हमें सब समझ सकें , जरूरी नहीं। 
कोई एक  ही समझे, बस इतना जरूरी है। 
जरूरी है भले इक हो, हाल-ए -दिल समझने को,
वो चाहे पास है तेरे, या फिर मीलों की दूरी है। 
                          . . .  Navneet Goswamy / 02nd Sep 2023

शुक्रवार, अगस्त 25, 2023

तकलीफ़

एक बेटी की तकलीफ़, जब माता पिता अपनी उम्र के साथ साथ, कमज़ोर होते शरीर की जाने कितनी तकलीफें झेलते हैं।  कभी कभी उन्हें इन सब के टेल दबते हुए , मजबूर और असहाय देखती है तो बेटियों को तसल्ली इसी तरह से दे सकती हूँ -   

दिल की बात

है ये वक़्त वक़्त की बात।

तुम्हारे भी कहाँ पहले से हालात ?

कि पालक झपकते ही पहुँच जाओ उनके पास

ढूढ़ती तो तुम भी होगी,

कहीं से कोई डॉक्टर फरिश्ता बन आए,

और हल करदे उनकी ये मुश्किलात।

किसे कहें , कौन समझेगा ?

कितना मुश्किल है, संभालना ये जज़्बात।

                            . . . नवनीत गोस्वामी 

Dil ki baat . . . Hai ye vaqt vaqt ki baat. . . !

Tumhare bhi Kahan rahe pahle se halaat ?

Jo palak jhapakte pahunch jaaye, dene unka saath !
Doondhti to tum bhi hogi,
kahin se koi doctor, farishta aa jaye saamne tere.
aur hal karde unki ye mushkilaat !
Koi nahi samajh sakta,
kitna mushkil hai sambhalna ye jazbaat!!

बुधवार, अगस्त 23, 2023

चंद्रयान-3

 
14 जुलाई को भरी उड़ान,

बनेगा आज एक कीर्तिमान,

जब चाँद पे उतरेगा "चंद्रयान"


दुआ में हर पल एक ही बात,

"landing" में हो ना कोई समस्या।।

वैज्ञानिक हमारे तपस्वी जैसे,

होगी सफल उनकी तपस्या।।

नाज़ करेगा हिन्दुस्तान। 

जब चाँद पे उतरेगा "चंद्रयान"।।


चाँद पे जो तिरंगा लहराता,

इसका पूरा श्रेय उन्हीं को जाता।।

इस से एक बात स्पष्ट हो जाती,

शिक्षा ही देश को शीर्षस्थ बनाती,

शिक्षा से ही सबका उत्थान।।

बनेगा आज एक कीर्तिमान,

जब चाँद पे उतरेगा "चंद्रयान"।।

 

शून्य से उस अंतरिक्ष तक 

खेतों से उस फ़लक तलक।

भारत बना "भाग्य - विधाता"। 

युगोंपरान्त भी विश्व गाएगा गाथा।

चहुँ ओर होंगे गुनगान,

जब चाँद पे उतरेगा "चंद्रयान"।।

 

                             . . . नवनीत गोस्वामी  (23 /08 /2023 )

                            "जय जवान,जय किसान और जय विज्ञान", और झूठे वादों से सावधान।।






चित अंदर अंदर डरदा है

 

चित अंदर अंदर डरदा है 

कल्ले ठंडिया आहाँ भरदा है 


कातो आ शो - शा लायी है ?

अह्नु कहन्दे वेख - वाखायी है 

इस विखावे च जीवन मुकदा है 

चित अंदर अंदर डरदा है। 

कल्ले ठंडिया आहाँ भरदा है 


आपणेया नाल ता लगियां लाग, 

वखरी ढपली , ते वखरे राग। 

क्यूँ दिलां च वैर पया भरदा है, 

चित अंदर अंदर डरदा  है,

कल्ले ठंडिया आहाँ भरदा है। 


उस रब दा प्यारा बच्चा सी 

दस किस वेले तू सच्चा सी ?

बस "मैं - मैं" पुगाई जाना हैं 

ते कहंदा है "सब ते मरदा है"

 चित अंदर अंदर डरदा  है,

कल्ले ठंडिया आहाँ भरदा है। 


                        . . . नवनीत गोस्वामी (21/08/2023 )


                

मंगलवार, जुलाई 25, 2023

प्रश्न

 नमस्कार ! सोचा तो नहीं था कि कविताओं से हटकर सामाजिक मुद्दों के बारे में अपने विचार व्यक्त करुँगी , मगर दिल बहुत आहत है | मणिपुर, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हैदराबाद या भारत का कोई राज्य जहाँ पर भी महिलाओ, बच्चों निम्न वर्ग के लोगो पर जो निर्मम, असहनीय उत्पीड़न हो रहा है उसे देख मन आहत है  | जिन लोगो के हाथ में जिम्मा सौंपा था, उनसे प्रश्न करें तो, तत्कालीन परिस्थिति के बारे में कोई संज्ञान लेने की बात नहीं करेंगे , उल्टा प्रश्न करने वाले से पुराना  बही खाता खोल कर अन्य प्रश्न पूछे जाते है | यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर मै कभी कविता लिखना नहीं चाहूंगी। ये पंक्तिया भी कभी ऐसा ही कोई वाकिया सुन कर, खिन्न हो कर, आक्रोश में लिखी थीं | पता नहीं था फिर से मष्तिष्क में गूंजने लगेगी। 

है प्रश्न मेरा उन संस्कारों से,
समाज के ठेकेदारों से,
धर्म के उन सरदारों से,
क्यों अख़बार भरा चित्कारों से ?
क्यों डर लगता है अंधियारों से ?
क्यों रह गयी बेटी नारों में ?
समाज मेहरबां गुनहगारों पे !
और सन्नाटा ! सत्ता के गलियारों में !
. . . नवनीत गोस्वामी
                    (4th जनवरी 2021)



सोमवार, जुलाई 24, 2023

कुछ बात अलग है मेरे यारों की, धरती माँ के राज दुलारों की !


कुछ बात अलग  है मेरे यारों की,

धरती माँ के राज दुलारों की !


माँ की चूनर बेदाग़ रहे और पाक रहे,

उन सजग बलशाली पहरेदारों की !

कुछ बात अलग  है मेरे यारों की,

धरती माँ के राज दुलारों की !


हँसते हँसते जो बलिदान हुए 

भारत माँ के उन दिलदारों की !

कुछ बात अलग  है मेरे यारों की,

धरती माँ के राज दुलारों की !


नवनीत गोस्वामी 

26 जुलाई 2023  

(कारगिल  दिवस)





बुधवार, जून 28, 2023

किरदार

 जब कोई बुरा कहे तुमसे,

जब कोई भला न कह सके तुमसे

जब किसी को लगी चोट भी हो तुम्हारे जिम्मे।

तब भी रहना तुम अपने ही किरदार में।

 

सब्र से रहना ।

हो सके तो उस पल चुप रहना । 

क्योंकि मां बाप ने मुश्किलों से ढाला है तुम्हें इस सांचे में,

उनकी तरबियत को ऐसे ना भुलाना ।

अदब के इस सांचे को किसी अग्नि में न गलाना ।


किसी ने भरोसा कर के सौंपा है ये किरदार तुम्हें,

इक तुम्हें ही बखूबी समझना होगा इसको।

क्योंकि जो रहा ईमानी अपने किरदार से

 बड़े ही प्यार से पलकों पर भी बैठाया गया उनको।।


उस शख्स की भी रही होगी कोई मजबूरी

सब्र ने दिल से रख ली होगी दूरी।

परेशां वो भी बराबर हो रहा होगा।

या तो बिलकुल भी नहीं ,या बहुत सोचता होगा।


जीवन ये हमारा बस गणित के सूत्रों जैसा

छोटी छोटी यादों को जमा करने जैसा।

परिस्थितियां तो भाजक बनकर आती है 

शून्य तक कुछ न कुछ घटाती जाती है।

इसके लिए अपना चरित्र ही इतना बड़ा बना ले

की भाजक भले ही कितना बांटे

वो शून्य थोड़े विराम से आए।

क्योंकि अंत तो शून्य ही है,

उस शून्य से भला हम क्यों घबराए ?

सोमवार, जून 05, 2023

चुनौतियों से क्यों डरें ?

चुनौतियों से क्यों डरें ?  

खुद में बस दम भरें। 

जीवन है तो संघर्ष है 

तो भय दिलों में क्यों भरें ?

मुसीबतें जो आयें गर 

मुसीबतों से क्यों डरें ?

विशाल झुण्ड देख कर,

क्या बाज काग से डरे  ?

वो मापता ऊँचाइयाँ 

उड़े वो बादलों के परे।  

चुनौतियाँ ! बैल सी विशालतम  

किन्तु ! परबतों से छोटी हैं। 

जिसके मन दृढ़शक्ति हो ,

नवनीत ! जीत उसी की होती है। 

हर पल हेतु तत्पर रहे,

भुजाओं में ये बल रहे 

आज से अधिक रहे,

पल सुख का हो या दुःख का हो,

हर पल पे  तेरा स्वामित्व रहे। 

               नवनीत / 5 जून 2023