हिन्दी दिवस की आप सब शुभकामनाएं !
भारत वर्ष की राष्ट्र भाषा हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही अच्छे से समावेशित है। कोई व्यक्ति शिक्षित हो या अशिक्षित, हिंदी में बात करता है, समझता है। और यही कारण है कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है। और हम भारत के लोग ऐसा मानते भी है। इस भाषा की विशेषता है कि वाक्यों को लिखने , पढ़ने या बोलने के समय ही यह पता चल जाता कि जिस पात्र के बारे में लिखा जा रहा है, वह कौन है ? मतलब उस से रिश्ता क्या है। हिंदी भाषा का व्याकरण बखूबी बता देता है। जैसे कि मेरी लिखी ये पंक्तियाँ पढ़िए -
हिंदी में तो सर्वनाम सुन
किसी को भी ये ज्ञात हो जाए।
इतनी लम्बी लम्बी कहानी
राजा भैया किन संग बतियाए।
"तू" का किस्सा यारों संग है
"तुम" याने कोई प्रेम प्रसंग है।
"आप" लिखें किसी साहेब को
या जब देखे सामने कोई दबंग हैं।
हिंदी बहुत ही सरल भाषा है, उसके बारे में मैंने ये लिखा है -
जैसा लिखते हैं, वैसा उच्चारण,
अति सरल इसका, है स्वरुप।
एक वर्ण की एक ध्वनि है,
और कोई वर्ण ना रहता मूक।।
अलंकार है वो गहने
जिसने हिंदी को खूब सजाया।
और अलंकृत हिंदी बोली जिसने
हिंद में उसने मान भी पाया ।।
अंत में जाने माने शायर मोहम्मद इक़बाल जी की कविता की आखिरी पंक्तियाँ याद आ रही हैं -
हिंदी है हम ! हिंदी है हम !वतन है।
हिंदोस्तां हमारा हमारा !
सारे जहाँ से अच्छा ! हिंदोस्तां हमारा।
नवनीत गोस्वामी / 14 सितम्बर 2023
Youtube link : https://youtu.be/PllsA9HSdIo
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बहुत ही सरल व सटीक व्याख्या 👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंaapka bahut bahut dhanyawad !
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