About me
अगर बनना चाहते हो कुछ, तो किताब बन जाओ !
बिन आवाज़ किये ,अपनी बात कह जाओ !!
मै विज्ञान की छात्रा रही हूँ, फिर MBA किया और 11 साल तक विभिन्न कम्पंनिओ में कार्यरत रह कर कामकाजी अनुभव हासिल किया। बचपन से कला के प्रति थोड़ा रुझान रहा है। इसीलिए मेरे शौंक की फेहरिस्त में आपको कुछ ऐसे भी मिलेंगे जो मेरी पढाई के विषय और जॉब प्रोफाइल से बिलकुल मेल नहीं खाते। कविता लेखन उन्हीं में से एक है। ब्लॉग लिखना 2010 से शुरू किया ।
कविताओं की या लेखन की मेरी समझ बस इतनी है कि ये अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा तरीका है । जैसा कि मैंने शुरुआत में लिखा कि बिना आवाज़ के, और बिना ठेस पहुंचाए कोई बात कहनी हो, तो लेखन से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता । कविता लिखना - अभिव्यक्ति का दूसरा नाम है और इस ब्लॉग पर आपको पक्का देखने को मिलेगी। जो बात हमारे अंतर्मन को छू जाए, चाहे वो किसी भी तरीके से व्यक्त कि गयी हो, बस वही "perfect way of expression " है। हम नवरस के बारे मे तो जानते है : यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस ! इस ब्लॉग पर आप इन सब तरह के भावों से मुखातिब होंगे।
मन में कोई भाव आएँ,तो किसी से साँझा करें ,लेकिन उसे व्यक्त करने हेतु किसी को खोजना पड़े ! ये तो सही नहीं है। इसीलिए तुरंत उठा लीजिये कलम और बन जाइये कलम के सिपाही। जैसे मै बन गयी !
Comments
Post a Comment