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सोमवार, जून 05, 2023

चुनौतियों से क्यों डरें ?

चुनौतियों से क्यों डरें ?  

खुद में बस दम भरें। 

जीवन है तो संघर्ष है 

तो भय दिलों में क्यों भरें ?

मुसीबतें जो आयें गर 

मुसीबतों से क्यों डरें ?

विशाल झुण्ड देख कर,

क्या बाज काग से डरे  ?

वो मापता ऊँचाइयाँ 

उड़े वो बादलों के परे।  

चुनौतियाँ ! बैल सी विशालतम  

किन्तु ! परबतों से छोटी हैं। 

जिसके मन दृढ़शक्ति हो ,

नवनीत ! जीत उसी की होती है। 

हर पल हेतु तत्पर रहे,

भुजाओं में ये बल रहे 

आज से अधिक रहे,

पल सुख का हो या दुःख का हो,

हर पल पे  तेरा स्वामित्व रहे। 

               नवनीत / 5 जून 2023 


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