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बुधवार, मई 31, 2023

मेरी तलाश

 Painting : Thomas  Doughty 


उम्मीद, आस और तलाश 

अब शायद यही है मेरे पास 

अब तो इन दरख्तों को भी मालूम है 

मेरे आने का सबब !

हिल उठते है हवा के झोंको से 

"ना " के जवाब में ये सब !

नदिया ने भी अब ख़ामोशी सी ओढ़ी है,

एक ही जवाब कहने से, जैसे तौबा कर ली है !

लगता है कि जैसे थक से गए हैं ये सब,

और सोचते होंगे कि आखिर ऐसा चलेगा कब तक ?

बिना झपके पलक, राह टोहती, बाट जोहती मेरी आँखे 

दूर तलक मैदानों में , कभी पहाड़ो की ऊंचाई में 

और कभी ढूँढू वो खुशबु तेरी, उस पार से आती पुरवाई में  !

मगर मैं भी ये जानता हूँ कि 

उम्मीद पे कायम है ये दुनिया और 

इक दिन तुझे भी होगा मेरी चाहत का एहसास !

बस इसी उम्मीद से जारी है मेरी ये तलाश !

तू बसा है मेरे दिल में, 

और दिल की आवाज़ पहुंचेगी तुझ तक मेरी जान 

आज भले ही न सही , कल याद मेरी तुझे भी आएगी मेरी जान !


नवनीत गोस्वामी 
30 मई 2023  


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