प्रश्न
प्रश्न
है प्रश्न मेरा उन संस्कारों से,
समाज के ठेकेदारों से,
धर्म के उन सरदारों से,
क्यों अख़बार भरा चित्कारों से ?
क्यों डर लगता है अंधियारों से ?
क्यों रह गयी बेटी नारों में ?
और समाज मेहरबां गुनहगारों पे !
. . . नवनीत गोस्वामी
यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस !
है प्रश्न मेरा उन संस्कारों से,
समाज के ठेकेदारों से,
धर्म के उन सरदारों से,
क्यों अख़बार भरा चित्कारों से ?
क्यों डर लगता है अंधियारों से ?
क्यों रह गयी बेटी नारों में ?
और समाज मेहरबां गुनहगारों पे !
. . . नवनीत गोस्वामी
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