प्रश्न
प्रश्न
है प्रश्न मेरा उन संस्कारों से,
समाज के ठेकेदारों से,
धर्म के उन सरदारों से,
क्यों अख़बार भरा चित्कारों से ?
क्यों डर लगता है अंधियारों से ?
क्यों रह गयी बेटी नारों में ?
और समाज मेहरबां गुनहगारों पे !
. . . नवनीत गोस्वामी
कविता लिखना - अभिव्यक्ति का दूसरा नाम है और इस ब्लॉग पर आपको पक्का देखने को मिलेगी। जो बात हमारे अंतर्मन को छू जाए, चाहे वो किसी भी तरीके से व्यक्त कि गयी हो, बस वही "perfect way of expression " है। हम नवरस के बारे मे तो जानते है : यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस ! इस ब्लॉग पर आप इन सब तरह के भावों से मुखातिब होंगे।
है प्रश्न मेरा उन संस्कारों से,
समाज के ठेकेदारों से,
धर्म के उन सरदारों से,
क्यों अख़बार भरा चित्कारों से ?
क्यों डर लगता है अंधियारों से ?
क्यों रह गयी बेटी नारों में ?
और समाज मेहरबां गुनहगारों पे !
. . . नवनीत गोस्वामी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें