Pages

रविवार, अक्तूबर 25, 2020

"दशहरा पर्व की शुभकामनायें"

  दशहरा

राम की शक्ति पूजा को,

आखिर तो रंग लाना ही था। 


बुरे पर अच्छे का परचम,

उसको तो फहराना ही था। 



स्वयं दशानन, भगवन से कह गया ,

वो तो बस अहंकार में बह गया। 


सन्देश ये विजया दशमी का,

एक मूल मंत्र बतलाता है। 


जो नेक भये , तिन पाये राम,

जो भये बुरे , हुए जल भस्म यहाँ 

                                   . . . नवनीत 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें