King of Gazal - श्री जगजीत सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर मेरा शत शत नमन। उनकी ग़ज़लों के रूप में वो हम सब के बीच मौजूद है , और हमेशा रहेंगे ! उनकी याद में लफ्ज़ कुछ इस तरह से सिमट कर दिल में उतरतें हैं।
अखरता है आपका यूँ अचानक से चले जाना ,
जाना ! और लौट के फिर ना आना !!
क्या नहीं खबर थी आपको ?
आपकी ग़ज़लों को गाता नहीं , जीता है ज़माना !!
महान गायक की याद में उनके द्वारा गायी गयी ग़ज़ल और गीत याद आते है, आइये गुनगुनाईये मेरे साथ -
चिट्ठी ना कोई सन्देश ,
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए !
एक ग़ज़ल आज गुनगुना रही थी, जो लिखी है श्री जसवंत सिंह जी ने और गाया है श्री जगजीत सिंह जी ने।
वक़्त का ये परिन्दा रुका है कहाँ
मै था पागल जो इसको बुलाता रहा !
चार पैसे कमाने मै आया शहर
गाँव मेरा मुझे याद आता रहा !!
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बहोत बढीया
जवाब देंहटाएंबहोत बढीया
जवाब देंहटाएंबहोत बढीया
जवाब देंहटाएंबहोत बढीया
जवाब देंहटाएंDhanyvaad !
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