Pages

सोमवार, सितंबर 21, 2020

जरूरी काम

जरूरी काम 


                           

आदम कहे ख़ुदा से  -

जो तेरे इश्क़ में रंगा है , 

उसकी मरूधर में भी गंगा है ! 

मुझे तू  ले चल अपने संग,

रंग के मुझे अपने ही रंग  !!

खुदा ने कहा -

रुबाई तेरी अब तक़ अधूरी है !

क़बूल न होगी जब तक,

तेरी खुद से खुद की दूरी है !!

खुद ही से मिल,

कर खुद से पहचान !

बाकी सब छोड़ 

ये है सबसे ज्यादा ज़रूरी काम  !!


                                            . . . . नवनीत 







1 टिप्पणी: