पूरी होगी तेरी हसरत
गर ! भयभीत नहीं हो तू भय से,
और छदम विलास कर दे विस्मृत !
अविरत मेहनत रंग लाएगी
पूरी होगी तेरी हसरत !!
मन मयूर के पंख फैला कर !
किन्तु -परन्तु मन से हटा कर !!
अंतर्मन की सुन तू आवाज़ !
नील गगन में भर परवाज़ !!
गुणगान तेरा होगा जग में !
बदलेगी तेरी किस्मत !!
अविरत मेहनत रंग लाएगी !
पूरी होगी तेरी हसरत !!
हौसलों में जिसने रखी बुलंदी,
और जो चले निरन्तर !
इतिहास गवाही देता है
वो ही बढ़े उत्तरोत्तर !!
कितना योजन चले हो भैया ?
रह जायेगा गौण ,
कदमों के तले जब मंज़िल होगी,
स्वर हो जायेंगे मौन !!
आनन्द के पल याद रहेंगे
बाकी सब होगा विस्मृत !
अविरत मेहनत रंग लाएगी
पूरी होगी तेरी हसरत !!
भाये "नवनीत" को उड़ते परिन्दे !
एक ठोर के वो नहीं बाशिंदे !!
हार -जीत को छोड़ परे,
नीड़ छोड़ जो कदम बढ़े
बहता हुआ जो नीर बने,
बदली उसने अपनी क़िस्मत !!
अविरत मेहनत रंग लाएगी !
पूरी होगी तेरी हसरत !!
..... नवनीत
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है। ऐसे ही उन्मुक्त उड़ान भरती रहो इस नभ में...
जवाब देंहटाएंवाह.. बेहतरीन प्रस्तुति!! शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रस्तुति दीदी!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...मुक्त छंद की बजाय छंदबद्ध कविता लिखो मजा आएगा... लिखते रहो निरंतर...🙏
जवाब देंहटाएंBeautifully expressed and I know it’s exactly you . Wishing you all happiness in life and a successful flight to your wings .
जवाब देंहटाएंKeep writing because you are so good 😊
Bahut khoob.. 😊
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
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