जिंदगी क्या बताएगी हमें,
क्या है जीने का फ़लसफ़ा
हासिल करने को अभी ,
कई मुक़ाम बाकी है !
अभी तो बस पंख फडफ़ड़ाएं है
नापने को सारा आसमान बाकी है ! !
..... नवनीत
यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस !
जिंदगी क्या बताएगी हमें,
क्या है जीने का फ़लसफ़ा
हासिल करने को अभी ,
कई मुक़ाम बाकी है !
अभी तो बस पंख फडफ़ड़ाएं है
नापने को सारा आसमान बाकी है ! !
..... नवनीत
उड़ो, उड़ो अविरल... उन्मुक्त उड़ान...
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