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बुधवार, सितंबर 23, 2020

दिनकर दिवस

 

"दिनकर दिवस" - 23 सितम्बर  



आज हमारे देश का परिदृश्य देख कर महाकवि रामधारी सिंह दिनकर जी के बगावती तेवर से भरी पंक्तियाँ याद आती है।  आज देश उनका जन्म - दिवस भी मना रहा है और भूमिपुत्र, अन्नदाता किसान सड़क पर उतरे नज़र आते है। वो पंक्तियाँ मै बाद में शेयर करती हूँ और सबसे पहले दिनकर जी के जन्म -दिवस जिसे मै "दिनकर - दिवस " कहना चाहूँगी , की शुभकामनायें। मेरी कुछ पंक्तियाँ महाकवि को समर्पित - 

गौरव भारत वर्ष का जो ,

हम बड़े हुए, जिनको सुनकर !

महाकवि, कविराज हमारे 

श्री रामधारी सिंह दिनकर !

                                   . . . . . नवनीत 


किसान जो अपने अधिकार और नए बिल को लेकर सड़क पर उतरे है उनके लिए दिनकर जी द्वारा लिखी पंक्तियाँ : -

मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है ,

दो राह , समय के रथ का घर्घर -नाद सुनो,

सिंहासन खाली करो , कि जनता आती है !!



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