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यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस !
यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस !
ओ जी कमाल कर दित्ता है तुसी....जल्दी ही अहमदाबाद आना पड़ेगा ते मतीरा खाना पड़ेगा...फुल्ल गुलाब दा ते चंडीगड़ पंजाब दा...ते सचमुच हद नालों वद है जी... (ये मनन के साथ रहने का असर है क्या?)
ReplyDeleteनीरज
बहुत बहुत शुक्रिया चाचा जी ! आप आईये न कभी अहमदाबाद ,और ये , ये तो मनन को खुश करने के लिए है . . . देखो हमारा प्यार ! की हम सब्जियों में गुलाब ढूंढते है ! :)
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