Navneet Goswamy
कविता लिखना - अभिव्यक्ति का दूसरा नाम है और इस ब्लॉग पर आपको पक्का देखने को मिलेगी। जो बात हमारे अंतर्मन को छू जाए, चाहे वो किसी भी तरीके से व्यक्त कि गयी हो, बस वही "perfect way of expression " है। हम नवरस के बारे मे तो जानते है : यथो हस्त तथो दृष्टि - जहाँ हाथ, वहां दृष्टि ! यथो दृष्टि तथो मनः - जहाँ दृष्टि ,वहां मन/मष्तिष्क ! यथो मनः तथो भाव - जहाँ मन/मष्तिष्क वहां भाव (inner feelings )! यथो भाव तथो रस - जहाँ भाव होगा , वहां ऱस ! इस ब्लॉग पर आप इन सब तरह के भावों से मुखातिब होंगे।
बुधवार, अगस्त 28, 2024
शनिवार, अप्रैल 20, 2024
लोकतंत्र का पावन त्यौहार
गुरुवार, अप्रैल 04, 2024
मंगलवार, मार्च 26, 2024
कहीं देर न हो जाए - लद्दाख
"कहीं देर न हो जाए" - लद्दाख
जुले ! नमस्कार ! 6th March 2024 को श्री सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे। आज 26 मार्च 2024 है। उनके मुद्दे दो तरह के है - संवैधानिक और इकोसिस्टम से सम्बंधित। मै लदाख जा चुकी हूँ घूमने के लिए। बहुत ही खूबसूरत जगह है। इसीलिए उनके द्वारा उठाये मुद्दे जैसे जन जातीय सुरक्षा, खनन, वातावरण की सुरक्षा, लोकल रोज़गार आदि हेतु मैं सहमत भी हूँ। इन पर बात होनी चाहिए। आपकी क्या राय है, नीचे दिए गए वीडियो को देख कर , कमेंट बॉक्स में बताये।
ये वीडियो आप देख सकते हैं।
गुरुवार, मार्च 21, 2024
कविता दिवस / World Poetry Day . . . . 21 मार्च 2024
World Poetry Day . . . . 21 मार्च 2024
ज़िन्दगी तेरे तहखानों से
चुपके से, ये जो यादें निकलती है,
कभी आँगन में मेरे ख़ुशी बनतो कभी उदासी बन पसरती हैं।
जीवन के खाली पैमानों में,
रिश्तों की मिठास, और कभी
बेवफाई की खटास से भरती हैं।
कितने ही रंगो में रंगा इनको,
लफ़्ज़ों के लिबासो में समेटा इनको।
पन्नो पे परोसा है।
और भरोसा है।
मेरे अफसानों को भी
इक दिन, पढ़ेगा कोई।
मेरी कविताओं से तारुफ़
करेगा कोई।
. . . . नवनीत गोस्वामी
21 मार्च 2024.
शुक्रवार, मार्च 08, 2024
महाशिवरात्रि और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की आप सब को शुभकामनाएँ। महिला, नारी अर्थात "शक्ति"। संयोग की बात है आज हम सब महाशिवरात्रि भी मना रहे है। शिव और शक्ति दोनों साथ: क्या बात है।
शिव के बिना, शक्ति नहीं।
और शक्ति के बिन, सृष्टि नहीं।
महाशिवरात्रि और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ।
. . . नवनीत गोस्वामी
8 मार्च 2024
गुरुवार, फ़रवरी 22, 2024
रेडियो के दिन : अमीन सायानी के संग
Radio ke din : #AmeenSayani ke sang RIP
मेरे लिए all India Radio मतलब अमीन सयानी जी। गीतमाला कार्यक्रम तो जाना ही उनके नाम जाता था।
रेडियो और वो सब, जिन्होंने आपको सुना है आपके जाने की खबर सुन कर, आज फिर से आपको सुना होगा।
सबके ज़हन में आपकी आवाज़ और वो माहौल फिर से ताज़ा हुआ होगा।
गुरुवार, फ़रवरी 15, 2024
तू अपनी खूबियां ढूँढ
Navneet Goswamy |
खामियाँ निकालने के लिए लोग है ना।
अगर रखना है कदम तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए लोग है ना।
सपने देखने है तो ऊँचा देख,
नीचा दिखाने के लिए लोग है ना।
तू अपने अंदर जूनून की चिंगारी भड़का,
जलने के लिए लोग है ना।
प्यार करना है तो खुद से कर,
नफरत करने के लिए लोग है ना।
तू अपनी एक अलग पहचान बना,
भीड़ में चलने ले लिए लोग है ना।
तू कुछ कर के दिखा दुनिया को,
तालियाँ बजाने के लिए लोग है ना।
ये बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ हैं। कमाल की बात ये है कि ये हिंदी की कविता है, लेकिन मैंने पहली बार इसे सुना पाकिस्तान की अदाकारा रीमा खान की बदौलत। पाकिस्तान का एक टॉक शो है , जिसमें रीमा खान जी बतौर guest आयीं थी और वहाँ उस show में एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये कविता सुनाई थी।
जो लोग समाज के कुछ मुट्ठी भर लोगों के कहने भर से हताश हो कर अपनी कोशिशों पर फुल स्टॉप लगा देते है, उनके लिए ये कविता, उनकी कोशिशों की रुकी गाड़ी को धक्का लगाने का काम कर सकती है।
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नवनीत गोस्वामी